केंद्र सरकार के द्वारा शुरू की गयी प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना का उद्देश्य कोरोना संकट के कारण प्रवासी मजदूरों को रोजगार उपलब्ध कराना है। इस योजना को शुरू करने के बाद ग्रामीण इलाकों में रहने वाले ग्रामीणों को भी रोजगार मिलेगा तथा जो प्रवासी है वो दोबारा पलायन न करें। उन्हें उनके ही क्षेत्र में 125 दिन का रोजगार मिलेगा जो कि नरेगा के समान पेमेंट करेगा इस हिसाब से लगभग ₹200 के हिसाब से जोड़ें तो भी यह ₹25000 का रोजगार हो जाएगा।
ईससे ग्रामीण क्षेत्रों का भी विकास हो। और जितने भी प्रवासी मजदूर अपने गांव वापस आये हैं उन्हें केंद्र सरकार आर्थिक सहायता देगी और साथ ही आय के साधन प्राप्त कराएगी। जिस से वो अपना व अपने परिवार का भरण पोषण कर सकें। इस के लिए सरकार देश के विभिन्न राज्यों में चल रही केंद्रीय कर राज्य सरकार की योजनाओं के अंतर्गत उन्हें रोजगार दिलाने का प्रयास करेगी। आत्मनिर्भर भारत के तहत की गयी घोषणाओं में मनरेगा व सड़क योजनाओं को पीएम गरीब कल्याण रोजगार अभियान से जोड़ने की बात कही है। जिस से सभी प्रवासी मजदूरों को भी रोजगार के लिए ज्यादा अवसर मिलेंगे।
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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पचास हजार करोड़ रुपये की लागत वाली पीएम गरीब कल्याण रोजगार अभियान योजना का शुभारंभ जून 2020 को दिल्ली में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से किया। प्रधानमंत्री गरीब कल्याण रोजगार अभियान योजना को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रिमोट द्वारा बिहार के खगड़िया जिले के ब्लॉक बेलदौर के गांव तेलिहार में इस योजना को शुरू किया। योजना के शुभारम्भ के बाद उन्होंने मजदूरों को इस योजना के तहत मिलने वाले फायदों के बारे में बताया। इस योजना में प्रवासी मजदुर जो कोरोना संकट में अपना रोजगार छोड़ कर अपने गांव घर लौटे हैं। उनको सशक्त बनाने का लक्ष्य रखा गया है।
इस योजना को सरकार द्वारा चलायी गयी मनरेगा जैसी अन्य योजनाओं से भी जोड़ दिया गया है। इस से न केवल देश में रोजगार के नए अवसर खुलेंगे बल्कि बेरोजगारी घटने के साथ साथ विकास भी होगा।
प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना के तहत अब तक 37हज़ार करोड़ रूपए खर्च किया गया है। इस योजना के लिए वर्तमान वित्तीय वर्ष में सरकार द्वारा दस हजार करोड़ रूपए का अतिरिक्त बजट प्रदान किया जाएगा।