पूरी दुनिया में दूध से बने उत्पादों की बिक्री सबसे ज्यादा होती है। ऐसे में डेरी का व्यापार करने वाले लोग उस नस्ल को सबसे ज्यादा चुनते हैं जो कि सबसे ज्यादा दूध देती है। भारत में अधिक दूध उत्पाद के लिए गाय और भैंसों को पाला जाता है।
ज्यादा दूध उत्पाद में भैंस की मुर्रा नस्ल और गाय की गिर प्रजाति सबसे ज्यादा लोकप्रिय होती है। देखा जाए तो गाय की काफी सारी प्रजाति ऐसी होती है जो कि पूरे दिन में 50 लीटर दूध देती है। लेकिन गाय के गिर प्रजाति पूरे दिन में 80 लीटर दूध देती है। इसकी वजह से ही वर्ल्ड रिकॉर्ड में इनका नाम शामिल है।
ऐसे में पशुपालकों को ज्यादातर गिर प्रजाति सबसे ज्यादा पसंद आती है। गुजरात के गिर जंगलो से ताल्लुक रखने वाली गाय को काफी सारे नामों से जाना जाता है। कई सालों से यह गाय गुमनामी के जंगलों में जी रही थी लेकिन अब जाकर लोगों को इसकी अहमियत समझ में आई है।
गुजरात के कई जिलों में इनका पालन पोषण किया जाता है जैसे कि सौराष्ट्र, राजकोट, जूनागढ़, सोमनाथ, भावनगर और अमरेली इन सभी इलाकों में पालन पोषण किया जाता है। लेकिन अब धीरे धीरे कर के राजस्थान मध्य प्रदेश हरियाणा और उत्तर प्रदेश के इलाकों में एक बार फिर से गिर गाय फेमस हो गए हैं।
गिर गाय के बारे में बताया जाता है कि लंबी कद काठी होने के साथ-साथ बीमारियों से लड़ने की क्षमता भी होती है। गिर गाय के दूध गोबर और गोमूत्र की डिमांड मार्केट में काफी ज्यादा होती है। काफी सारे लोग इस के घी मूत्र और गोबर से इको फ्रेंडली खाद बनाते हैं।
पूरे दिन में यह गाय 50 से 80 लीटर तक दूध दे सकती है। यह सब कुछ गाय को दिए गए पोषण पर डिपेंड करता है। गिर गाय को पहचानना काफी आसान होता है क्योंकि इनका शरीर लाल रंग का माथा बड़ा और कान लंबे होते हैं। घुमावदार सींग और पीठ पर निकला हुआ कूबड़ इनकी पहचान होती है।
इनके जीने का साल 12 से 15 साल तक का होता है और इस दौरान वह 6 से 12 बच्चों को जन्म देती है। बताना चाहते हैं कि गिर गाय की खुराक काफी ज्यादा होती है। इनके लिए 100 किलोग्राम पशु आहार पहले से ही बना कर रख दिया जाता है।