जैसा कि हम सभी जानते हैं कि इन दिनों पेट्रोल डीजल को लेकर आम आदमी काफी ज्यादा परेशान दिखाई देता है। ऐसे में आप सभी के लिए बहुत बड़ी खबर लेकर आए हैं जिसके मुताबिक कीमत को नियंत्रण में करने के लिए और घरेलू बाजार में पेट्रोलियम के उत्पादों का स्टॉक बनाए रखने के लिए सरकार द्वारा निर्यात शुल्क में वृद्धि की गई है।
सरकार द्वारा ईंधन की उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए पेट्रोल पंप के सार्वभौमिक सेवा दायित्व(यूएसओएफ/USOF) के तहत लाने के 1 सप्ताह बाद लाया गया है। पेट्रोल के स्टॉक को नियंत्रण में रखने के लिए राष्ट्रीय बाजार में सरकार ने एक्सपोर्ट ड्यूटी बढ़ा दी है। लगभग 1 हफ्ते के बाद इस प्रकार का बदलाव देखने को मिला है।
आपको बताना चाहते हैं कि हाल ही में कच्चे तेल की कीमतों में तेजी से बढ़ोतरी देखने को मिली थी। हाई स्पीड डीजल और पेट्रोल के दामों में काफी तेजी से बढ़ता हुआ ग्राफ देखने को मिला था। मंत्रालय के रिपोर्ट के अनुसार पेट्रोल पर ₹6 प्रति लीटर और डीजल पर ₹13 प्रति लीटर बराबर उपकर लगाया गया है।
सरकारी तेल कंपनियां 20 से 25% वृद्धि के लिए तैयार नहीं थी और मात्र 4 से 5% तक बढ़ने की उम्मीद जताई जा रही थी। तेल कंपनियों पर भी भारी दबाव देखने को मिल रहा था। लेकिन हाल ही में जो निर्णय लिया गया है उस के माध्यम से काफी ज्यादा सुधार देखने को मिलता है।
उम्मीद जताई जा रही है कि देश के ईंधन आपूर्ति में काफी ज्यादा सुधार देखने को मिल सकता है। लेकिन आपका हमारी जानकारी के बारे में क्या कुछ कहना है आप हमें कमेंट बॉक्स में लिख कर बता सकते हैं। भारतीय बाजार से जुड़ी जानकारी आपको पसंद आई है तो ज्यादा से ज्यादा शेयर करने का प्रयास करें। अपना समय देने के लिए धन्यवाद।