दोस्तों जैसा कि हम जानते हैं कि सरकार ने अब बाजार में सिंगल यूज प्लास्टिक यानी कि प्लास्टिक की पन्नी का इस्तेमाल करने पर बैन लगा दिया है। इसके बाद से ही अगर हम मार्केट में कुछ सामान लेने जाते हैं तो दुकानदार प्लास्टिक की थैली देने से इंकार कर देता है।
ऐसे में जहां एक तरफ प्लास्टिक की थैली का इस्तेमाल होना बंद हो गया है वहीं दूसरी तरफ आपके लिए एक बिजनेस अपॉर्चुनिटी लेकर आये हैं। हम बात कर रहे हैं non woven bags के बारे में। आप चाहे तो इसे कपड़े का थैला भी कर सकते हैं। जो दुकानदार समझदार है उन्होंने अपनी दुकान पर non woven bags रखना शुरू कर दिया है।
पहले non woven bags की डिमांड काफी ज्यादा कम थी। लेकिन डिमांड ज्यादा होने पर इसकी मैनुफैक्चरिंग भी बढ़ती जा रही है। ऐसे में आप भी चाहे तो कम पैसा और कम जमीन में आसानी से यह बिज़नेस शुरू कर सकते हैं। इसके लिए फेब्रिक कटाई मशीन, सीलिंग मशीन और हाइड्रोलिक पंचिंग मशीन की जरूरत होती है।
आप चाहे तो इन मशीनों को ऑनलाइन या फिर मार्केट से भी खरीद सकते हैं। इन तीनों मशीनों को खरीदने में ₹100000 खर्चा लगता है। सबसे पहले फैब्रिक कटिंग मशीन की मदद से फैब्रिक को बैग की शेप में काटा जाता है। इसके बाद सीलिंग मशीन की मदद से तीन तरफ से सिला जाता है। इसके बाद हाइड्रोलिक पंचिंग मशीन की मदद से बैंग का हैंडल काटा जाता है।
आप चाहे तो कंपनी के ऑर्डर से अपने बैग पर प्रिंटिंग भी करवा सकते हैं। बाजार में फैब्रिक बड़े ही आसानी से मिल जाता है और मशीन मिलने के बाद आप 1 दिन में 5000 से ज्यादा बैग बना सकते हैं। non woven से बने यह बैग बाजार में ₹100 किलो के हिसाब से मिलते हैं। क्वालिटी अच्छी होने की वजह से डेड सो रुपए किलो तक बिक जाते हैं।
इस हिसाब से देखा जाए तो हर दिन ₹5000 की कमाई हो सकती है। non woven fabric का इस्तेमाल करोना महामारी के बाद से काफी ज्यादा बढ़ गया है। पीपीई किट से लेकर मास्क बनाने में इसका इस्तेमाल किया जाता है।